प्रदूषण की समस्या और समाधान पर निबंध (250 शब्दों में) | Pradushan ke Samasya aur Samadhan par Nibandh | Essay on Problem and Solution of Pollution in Hindi
प्रदूषण की समस्या और समाधान
पर निबंध
भुमिका
प्रकृति ने मानव के सुखी जीवन के लिए अनगिनत सुविधाएं प्रदान की है। मानव का सुखी जीवन संतुलित प्राकृतिक पर्यावरण पर निर्भर करता है। मनुष्य की बढ़ती हुई आवश्यताएं प्राकृतिक संतुलन को बिगाड़ रही है जिसके कारण प्रदूषण की समस्या पैदा हो गई है।
सारे विश्व में प्रदूषण की समस्या बड़ी तेजी के साथ बढ रही है। प्रकृति के द्वारा दी हुई हवा आज अनेक प्रकार के वैज्ञानिक साधनों द्वारा प्रदूषित हो गई है। कल-कारखानों की जहरीली गैस व धुआं वायु को गंदा कर रहे हैं। जिसके कारण वातावरण में छाएं धुएं से मानव जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। मनुष्य का सांस लेना भी मुश्किल हो गया है। धुएं के कारण आंखों में जलन, त्वचा में एलर्जी, सांस लेने में कष्ट, प्लेग आदि प्राण घातक बीमारियां जन्म ले रही हैं। वृक्षों की अंधाधुंध कटाई से वातावरण में ऑक्सीजन की कमी और कार्बन डाइऑक्साइड में वृद्धि हो गई है। इसी प्रकार कूड़ा करकट इधर-उधर फेंकने से भूमि प्रदूषण को बढ़ावा मिला। जोर से संगीत सुनने, हॉर्न बजाने से ध्वनि प्रदूषण बड़ा। इस प्रकार किसी भी प्रकार का प्रदूषण बढ़ाने में कहीं न कहीं मनुष्य का हाथ रहा हैं। हमें इसका निवारण आवश्य सोचना होगा।
समाधान
प्रदूषण ऐसा रोग नहीं है जिसका कोई समाधान ही न हो। अगर इसका पूर्ण रूप से उन्मूलन न भी हो सके तो भी इसे हानि रहित सीमा तक नियंत्रित किया जा सकता है। इसके लिए कुछ कठोर कदम उठाने होंगे । हमें वाहनों के अंधाधुंध प्रयोग को रोकना होगा, सभी लोग गाड़ियों में सी.न.जी का प्रयोग करें। हमें अपने आस-पास के वातावरण को पेड़ लगाकर स्वस्थ बनाना होगा। हम पृथ्वी को जितना हरा भरा बनाएंगे वातावरण उतना ही शुद्ध होगा। इससे पर्यावरण प्रदूषण भी कम होगा।
उपसंहार
प्रदूषण की समस्या मनुष्य का अदृश्य शत्रु है। यदि समय रहते इसका निवारण नहीं किया गया तो आदमी शुद्ध हवा, जल, भोजन और शांत वातावरण के लिए तरस जाएगा। इसलिए हमें गंभीर होकर प्रदूषण को रोकना होगा, वृक्षारोपण करना होगा, ऊंची आवाज वाले वाहनों पर रोक लगाने होगी तथा अन्य उपाय करके मानव जीवन को प्रदूषण मुक्त करना होगा।
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