स्वतंत्रता दिवस पर निबंध | Essay on Independence Day in Hindi | 15 August par Nibandh | 2021

स्वतंत्रता-दिवस-पर-निबंध


स्वतंत्रता दिवस पर निबंध


भूमिका 

स्वतंत्रता संग्राम के अमर सेनानी बाल गंगाधर तिलक ने कहा था कि “ स्वतंत्रता हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है। " पशु ,पक्षी ,जीव, जंतु कोई भी पराधीन नहीं रहना चाहता और पराधीन होने पर वह स्वाधीन होने के लिए संघर्ष करता है। इसी प्रकार हमारा देश कई वर्षों तक पराधीन रहा। यहां के वीर स्वतंत्रता संग्राम के सेनानियों के त्याग व बलिदान के फल स्वरुप हम 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्र हुए। तब से प्रतिवर्ष 15 अगस्त को बड़े हर्षोल्लास के साथ स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाते हैं।

पृष्ठभूमि 

हमारा देश स्वतंत्रता से पूर्व विदेशियों के अधीन था। विदेशी शासक अपने स्वार्थ सिद्धि के लिए भारतीय जनता का शोषण करते थे। जनता के लिए प्रगति के सारे मार्ग बंद हो गये। सारे देश में शिक्षा संस्थाओं का अभाव था जिससे भारत की जनता का मानसिक शोषण भी होता था। इसलिए  भारत की जनता हर दृष्टि से दुखी, अशांत, पीड़ित अभावग्रस्त थी मानो पराधीनता से मुक्ति पाने के लिए छटपटा रही हो।

स्वतंत्रता प्राप्ति

हमारे नेताओं के अथक प्रयासों से 15 अगस्त 1947 को भारत को पराधीनता से मुक्ति मिल गई। वर्षों से इस दिन की प्राप्ति के लिए भारतीय नेताओं को प्रतीक्षा थी। आज उनका यह सपना पूरा हो गया जिसकी वर्षों से कल्पना करते थे। कई देशभक्त इस दिन को देखे बिना ही इस संसार से विदा हो गए जिनमें सरदार वल्लभभाई पटेल, भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, सुभाष चंद्र बोस आदि के नाम स्मरणीय है ।

स्वतंत्रता दिवस पर्व

15 अगस्त 1947 के बाद हर वर्ष 15  अगस्त को सारे भारत में स्वतंत्रता का राष्ट्रीय पर्व बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। दिल्ली में यह पर्व भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर मनाया जाता है। इस दिन भारत के प्रधानमंत्री लाल किले पर ध्वजारोहण करने के उपरांत देश के नाम अपना संदेश प्रसारित करते हैं। लगभग सभी सरकारी  कार्यालयों में ध्वजारोहण होता है । दिन में सभी विद्यालयों में छात्रों द्वारा विविध कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाते है। दिल्ली के विद्यालयों में एक दिन पूर्व ही स्वतंत्रता दिवस बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। इस पर्व को मनाने के लिए छात्र कई दिनों से प्रतीक्षा करते रहते हैं।

उपसंहार 

स्वतंत्रता दिवस एक राष्ट्रीय पर्व है। यह हमें बहुत बलिदानों के बाद प्राप्त हुआ। अब हम सब का कर्तव्य है कि  हम युग-युगों तक इसकी रक्षा करते रहें। इस पर्व से हम देश सेवा व देश भक्ति की प्रेरणा ग्रहण करते हैं।

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