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Showing posts from August, 2021

समय का सदुपयोग पर अनुच्छेद | Paragraph on Proper Utilization of Time in Hindi | Samay Ka Sadupyog par Anuched Hindi me

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समय का सदुपयोग पर अनुच्छेद कहा गया है “समय किसी की प्रतीक्षा नहीं करता।" यह कालचक्र है। इसकी गति कभी नहीं धमती है। समय आता है और चला जाता है। समय वह धन है जिसका सदुपयोग न करने से वह व्यर्थ चला जाता है। समय का सदुपयोग करने वाले को सभी सुखों की प्राप्ति होती है। समय के सदुपयोग से मनुष्य धनवान, बुद्धिमान तथा बलवान हो सकता है। समय के दुरुपयोग से दुख और दरिद्रता ही हाथ लगते है।प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में भाग्योदय के क्षण आते हैं, जो उस समय का सदुपयोग कर लेता है, वह जीवन में सफलता की सीढ़ियाँ चढ़ता चला जाता है। थोड़ा - सा आलस्य बहुत घातक सिद्ध होता है। लखपति व्यापारी समय से चूक जाने से  भिखारी बन सकता है। परीक्षा में थोड़ी देर से पहुँचने पर छात्र परीक्षा से हाथ धो बैठता है।  अतः प्रत्येक विद्यार्थी को अपने कीमती समय का अच्छे कार्य में उपयोग करना चाहिए। जीवन में वही व्यक्ति सफल होते हैं, जो समय का सदुपयोग करते हैं। WATCH VIDEO  Click Here to Download PPT समय का सदुपयोग पर 10 लाइन | 10 Lines on Samay Ka Sadupyog समय का महत्व 10 पर लाइन | 10 Lines on Importance of Time in Hindi

सच्चा मित्र पर 10 लाइन | 10 lines on True Friend in Hindi | सच्चा मित्र पर 10 वाक्य/पंक्तियां | 2021

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सच्चा मित्र  पर 10 लाइन सच्चा मित्र एक अनमोल रत्न है।  सच्चा मित्र वही है जो विपत्ति के समय आप के काम आता है। ऐसा मित्र स्वार्थी नहीं होता।  सच्चे मित्र को आपकी धन-संपत्ति से कोई मोह नहीं होता।  सच्चा मित्र मनुष्य की सोई किस्मत को जगा सकता है।  सच्चा मित्र भटके को सही राह दिखा सकता है। सच्चा मित्र जीवन की कड़ी धूप में शीतल छाँव की भाँति होता  है।  सच्चे मित्र में प्रेम व त्याग की भावना होती है।  एक सच्चा मित्र आपको ऊँचाई तक पहुँचा सकता है।  कपटी मित्र अपने स्वार्थ के लिए आपको पतन के रास्ते पर पहुँचा सकता है।  सच्चा मित्र अपने मित्र की कमजोरी को किसी के सामने उल्लेख नहीं करता, बल्कि उसके गुणों की तारीफ़ करता है।  अतः मित्र का चुनाव बहुत सोच समझकर कर करना चाहिए। WATCH VIDEO  Click Here to Download PPT 

मातृभूमि पर 10 लाइन | 10 Lines on My Motherland in Hindi | 2021

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  मातृभूमि पर 10 लाइन हर मानव अपनी मातृभूमि से अत्यधिक प्यार करता है और उसे माँ का दर्जा देता है। हमारी मातृभूमि और माँ हमारे लिए स्वर्ग से भी बढ़कर है। इसने हमें जन्म दिया और इसकी मिट्टी में हम खेल-कूद कर बड़े हुए। इसके अन्न-जल से हमारा पालन-पोषण होता है। मातृभूमि हमें अपने मातृत्व की छाया में बड़ा करती है और कई प्राकृतिक विपत्तियों से हमारी रक्षा करती है। इसी मातृभूमि पर राम, रहीम, कबीर, कृष्ण, नानक आदि संत-महात्मा पैदा हुए। मातृभूमि ने हमें पेड़-पौधे, पहाड़-नदियां, जड़ी-बूटियां आदि उपहार में दिए हैं। ये सब न होते तो किसी का जीना संभव न होता। इसी मातृभूमि पर ताज महल, लाल किला, सारनाथ, शिमला, मसूरी आदि स्थल है। जिसको देखने पर्यटक दूर देशों से आते हैं और इसकी तारीफों को करते थकते नहीं। हमारी मातृभूमि जीते जी हमें जननी की तरह पालती है और मृत्यु होने के पश्चात वहीं उसके पार्थिक शरीर को अपने अंदर समेट लेती है।  हमें अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर करने के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए। WATCH VIDEO  Click Here to Download PPT  मातृभूमि: माँ के समान पर नि...

स्वतंत्रता दिवस पर निबंध | Essay on Independence Day in Hindi | 15 August par Nibandh | 2021

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स्वतंत्रता दिवस पर निबंध भूमिका  स्वतंत्रता संग्राम के अमर सेनानी बाल गंगाधर तिलक ने कहा था कि “ स्वतंत्रता हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है। " पशु ,पक्षी ,जीव, जंतु कोई भी पराधीन नहीं रहना चाहता और पराधीन होने पर वह स्वाधीन होने के लिए संघर्ष करता है। इसी प्रकार हमारा देश कई वर्षों तक पराधीन रहा। यहां के वीर स्वतंत्रता संग्राम के सेनानियों के त्याग व बलिदान के फल स्वरुप हम 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्र हुए। तब से प्रतिवर्ष 15 अगस्त को बड़े हर्षोल्लास के साथ स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाते हैं। पृष्ठभूमि  हमारा देश स्वतंत्रता से पूर्व विदेशियों के अधीन था। विदेशी शासक अपने स्वार्थ सिद्धि के लिए भारतीय जनता का शोषण करते थे। जनता के लिए प्रगति के सारे मार्ग बंद हो गये। सारे देश में शिक्षा संस्थाओं का अभाव था जिससे भारत की जनता का मानसिक शोषण भी होता था। इसलिए  भारत की जनता हर दृष्टि से दुखी, अशांत, पीड़ित अभावग्रस्त थी मानो पराधीनता से मुक्ति पाने के लिए छटपटा रही हो। स्वतंत्रता प्राप्ति हमारे नेताओं के अथक प्रयासों से 15 अगस्त 1947 को भारत को पराधीनता से मुक्ति मिल गई। वर्षों से इस ...