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Showing posts from July, 2021

रक्षाबंधन पर 10 लाइन | 10 Lines on Raksha Bandhan in Hindi | Raksha Bandhan par 10 Lines ka Nibandh Hindi me | 2021

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रक्षाबंधन पर 10 लाइन भारत पर्वों का देश है। इन पर्वों में रक्षाबंधन एक पवित्र पर्व है। यह पर्व सावन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। रक्षाबंधन का पर्व भाई- बहन के प्रेम का प्रतीक है। रक्षाबंधन के दिन बहनें अपने भाइयों को राखी बाँधती है। रक्षाबंधन के कई दिन पहले से ही बाजार में रंग-बिरंगी राखियों की  दुकानें सज जाती है। भाइयों के दूर होने पर बहनें डाक द्वारा अपनी राखियाँ भेजती है। रक्षाबंधन के उपरांत भाई अपनी बहनों को उपहार देते हैं। रक्षाबंधन के दिन बहनें अपने भाइयों के लिए मंगलकामनाएं करती है। जिन भाइयों की बहने नहीं होती तो वह किसी को धर्म- बहन बनाकर रक्षाबंधन करवाते हैं और बहन का प्रेम एवं सम्मान प्रदान करते हैं। अतः हमें अपने स्वार्थो को त्याग कर पवित्र स्नेह भावना के साथ रक्षाबंधन का पवित्र पर्व मनाना चाहिए। WATCH VIDEO  Click Here to Download PPT  रक्षाबंधन पर निबंध (250 से 300 शब्दों में) | Essay on Raksha Bandhan in Hindi 

राष्ट्रीय पर्व पर निबंध | Essay on National Festival in Hindi | Rashtriya Parv par Nibandh | 2021

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राष्ट्रीय पर्व पर निबंध भूमिका  भारत में मुख्य तीन राष्ट्रीय पर्व मनाए जाते हैं- गणतंत्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस और गांधी जयंती। इन्हें सभी भारतीय हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं। गणतंत्र दिवस भारत का संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ था, तभी से हम इसे गणतंत्र दिवस के रुप में मनाते हैं। गणतंत्र का राष्ट्रीय पर्व संपूर्ण भारत वर्ष में मनाया जाता है। देश के सभी राज्यों की राजधानियों में, नगरों में, गांव में यह पर्व उल्लास के साथ मनाया जाता है। गणतंत्र दिवस पर्व का मुख्य आयोजन भारत की राजधानी दिल्ली में होता है। इस दिन दिल्ली की शोभा देखते ही बनती है। स्वतंत्रता   दिवस 15 अगस्त 1947 के दिन भारत को आजादी मिली थी और तभी से प्रत्येक वर्ष 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के रुप में मनाया जाता है। इसी दिन देश के सभी भागों में राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है। स्वतंत्रता दिवस उत्सव पर हर साल 21 तोपों को सलामी दी जाती है। यह पर्व हमें राष्ट्रीय एकता बनाए रखने की प्रेरणा देता है। गांधी जयंती गांधी जी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 ई॰ को हुआ था, एक लोकप्रिय नेता होने के नाते गांधी जी को उनकी जयंती पर विशेष रूप...

प्रकृति का प्रकोप:भूकंप पर निबंध | Prakriti ka Prakop par Nibandh | प्रकृति का प्रकोप पर निबंध

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प्रकृति का प्रकोप:भूकंप  पर निबंध भूमिका मनुष्य आदि काल से ही प्राकृति की शक्तियों के साथ संघर्ष करता आ रहा है। उसने अपनी बुद्धि साहस एवं शक्ति के बल पर प्रकृति के अनेक रहस्यों का उद्घाटन करने में सफलता प्राप्त की है, लेकिन इसकी शक्तियों पर पूर्ण अधिकार करने की सामर्थ्य मनुष्य में नहीं। प्रकृति अनेक रूपों में हमारे सामने आती हैं। बाढ़, सूखा, अकाल, आंधी, तूफान भूकंप आदि प्रकृति के विनाशकारी रूपी हैं। भूकंप का अर्थ  भूकंप का अर्थ होता है- पृथ्वी का हिलना। पृथ्वी के गर्भ में किसी प्रकार की हलचल होने के कारण जब धरती का कोई भाग हिलने लगता है या कंपित होने लगता है तो उसे भूकंप की संज्ञा दी गई है। धरती का ऐसा कोई भी भाग नहीं है, जहां कभी न कभी भूकंप के झटके न आए हो। भूकंप के हल्के झटकों से तो विशेष हानि नहीं होती, लेकिन जब कभी जोर के झटके आते हैं तो वे प्रलयकारी दृश्य उपस्थित कर देते हैं। भूकंप क्यों आते हैं ? यह एक ऐसा रहस्य है, जिसका उद्घाटन आज तक नहीं हो सका, वैज्ञानिकों ने प्रकृति को मनुष्य के अनुकूल बनाने के लिए अनेक प्रयत्न किए हैं। वह गर्मी तथा सर्दी से स्वयं को बचाने के लिए व...

वाणी: मन का आईना पर निबंध | Vani man ka aaina par Nibandh hindi me | 2021

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  वाणी: मन का आईना  पर निबंध " ऐसी वाणी बोलिए मन का आपा खोए, औरन को शीतल करें आपहु शीतल होए।"  मनुष्य की वाणी में ऐसी शक्ति होती है, जो एक और तो बड़े-से बड़े दुश्मन का भी दिल जीत सकती है, दूसरी और घनिष्ठ मित्रों को भी अलग कर सकती हैं। वाणी का प्रयोग मनुष्य व्यंग्य करने के लिए भी कर सकता है और हंसने-बोलने के लिए भी। व्यक्ति के संपूर्ण जीवन में उसके बोल ही महत्वपूर्ण होते हैं ।  यदि आपके घर पर मेहमान आए और आपने उनके साथ दो मीठे शब्द न बोले, तो क्या वह दोबारा आपके घर आना पसंद करेंगे? और कहीं आपने मीठे वचन के स्थान पर कड़वे वचन बोल डाले, तब तो परोसे गए तरह-तरह के पकवान भी फीके लगने लगेंगे ।  इतिहास भी इस बात का साक्षी है कि द्रोपदी के कटु वचन ही माहाभारत का कारण बनें। अतः कहां जा सकता है कि वाणी में असीम शक्ति होती है। हमें सदैव मीठी वाणी का प्रयोग करना चाहिए‌। मीठी वाणी हमारे काम को आसान बना देती हैं। जबकि कड़वे वचन हमारे बनते काम को बिगाड़ देखते हैं। कटु वचन का नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, जबकि मधुर वाणी का सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। एक उदाहरण यह है कि एक प्यास...