विज्ञापन की दुनिया पर निबंध | Essay on Vigyapan ki Duniya in Hindi | 2021

विज्ञापन की दुनिया 

पर निबंध


भूमिका 

विज्ञापन शब्द 'वि' और 'ज्ञापन' के योग से मिलकर बना है जिसका अर्थ है विशेष रूप से कुछ बताना अर्थात किसी वस्तु के गुणों अतिशयोविपूर्ण वर्णन का दूसरा नाम विज्ञापन है, विज्ञापन समाज एवं व्यापार जगत में होने वाले परिवर्तन को प्रदर्शित करने वाला उद्योग है, जो बदलते समय के ढांचे में तेजी से ढल जाता है।

विज्ञापन का भ्रमजाल 

आज हमारे चारों और संचार तंत्र का भ्रम जाल-सा बिछा है। एक और हमारे जीवन में पुस्तकें, पत्रिकाएं समाचार पत्र जैसे प्रिंट-मीडिया के साधनों की भरमार है, तो दूसरी ओर हम घर से बाहर तक रेडियों, टेलिविजन, सिनेमा, कंप्यूटर, मोबाइल जैसे इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के अत्याधुनिक साधनों से घिरे हुए हैं। मीडिया के इन सारे साधनों पर सर्वाधिक अधिपत्य विज्ञापन का है। यह न केवल इनकी आय का मुख्य स्रोत है बल्कि पूरे संचार तंत्र पर अपना गहरा प्रभाव छोड़ता है।

विज्ञापन के लाभ 

विज्ञापन से कई लाभ होते हैं। यह उत्पादों, मूल्यों एवं गुणवत्ता बिक्री संबंधी जानकारियां इत्यादि के बारे में उपयोगी सूचनाएं प्राप्त करने में उपभोक्ताओं की मदद करता है यह नए उत्पादों के प्रस्तुतीकरण वर्तमान उत्पादों के उपभोक्ताओं को बनाए रखने और नए उपभोक्ताओं को आकर्षित कर अपनी बिक्री बढ़ाने में निर्माताओं की मदद करता है। यह लोगों को अधिक सुविधा, आराम, बेहतर जीवन पद्धति उपलब्ध कराने में सहायक होता है।

विज्ञापन की हानियां 

विज्ञापन से हानियां भी कम नहीं है। विज्ञापन पर किए गए व्यय के कारण उत्पाद के मूल्य में वृद्धि होती है उदाहरण के तौर पर ठंडे पेय पदार्थों को ही लीजिए। जो ठंडा पेय पदार्थ बाजार में ₹10 में उपलब्ध होता है, उसका लागत मूल्य मुश्किल से ₹7 के आस-पास होता है, किंतु विज्ञापन पर करोड़ों रुपए व्यय किए जाते है। इसलिए इसकी कीमत में अनावश्यक वृद्धि होती है।

सामाजिक दायित्व 

कभी-कभी विज्ञापन हमारे सामाजिक दायित्व एवं नैतिक मूल्यों को भी क्षति पहुंचाता है। भारत में पश्चिम संस्कृति के प्रभाव एवं उपभोक्तावादी संस्कृति के विकास में विज्ञापनों का भी हाथ है। वैलेंटाइन डे हो या न्यू ईयर ईव बहुराष्ट्रीय कंपनियां इसका लाभ उठाने के लिए विज्ञापनों का सहारा लेती हैं।

उपसंहार 

इसमें कोई संदेह नहीं कि विज्ञापन बहुपयोगी है, परंतु इस पर आंख बंद करके भरोसा नहीं करना चाहिए। कुछ कंपनियों द्वारा इसका गलत उपयोग भोले-भाले लोगों और युवाओं को ठगने के लिए किया जाने लगा है। आज विज्ञापन का युग है और इसके महत्व को अस्वीकार नहीं किया जा सकता है।




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